अत्याचार निवारण

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 तथा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के कार्यान्वयन के लिए केन्द्र प्रायोजित स्कीम  

 

भारत के संविधान के अनुच्छेद 17 ने 'अस्पृश्यता' को समाप्त किया है तथा किसी रूप में इस प्रथा का प्रतिषेध किया है।  'अस्पृश्यता' से उत्पन्न किसी विकलांगता का प्रवर्तन सिविल अधिकार संरक्षण (पीसीआर) अधिनियम, 1955 जो संसद का एक अधिनियम है, के प्रावधानों के अनुसार एक अपराध है।  इसी प्रकार, अनुसूचित जाति तथा अनसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) (पीओए) अधिनियम, 1989 भी संसद का अधिनियम है, जो संविधान के अनुच्छेद 17 तथा 35 (क) (ii) के उपबंध के भीतर आता है, का अधिनियमन ऐसे अपराधों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालयों के साथ-साथ अत्याचार के पीड़ितों के राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के विरुद्ध अत्याचारों के निवारण हेतु किया गया था। 

 

चूंकि पीसीआर और पीओए अधिनियम संबंधित राज्य सरकारों तथा संघ राज्य प्रशासनों द्वारा कार्यान्वित किए जाते हैं, इसलिए इसका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने की दृष्टि से निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए पीसीआर तथा पीओए अधिनियमों के कार्यान्वयन के लिए केन्द्र प्रायोजित स्कीम के अंतर्गत उनको केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाती है :-

  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति संरक्षण प्रकोष्ठों तथा विशेष पुलिस स्टेशन का कार्यकरण और सुदृढ़ीकरण ।
  • अनन्य विशेष न्यायालयों की स्थापना और कार्यकरण। 
  • अत्याचार पीड़ितों को राहत व पुनर्वास।
  • अंतर-जातीय विवाह को प्रोत्साहन।
  • जागरूकता सृजन।

 

स्कीम का वित्तपोषण पैटर्न इस प्रकार होगा कि संबंधित राज्य सरकार की प्रतिबद्ध देयताओं के अतिरिक्त, व्यय की हिस्सेदारी केन्द्र और राज्यों के बीच 50:50 के अनुपात में की जाएगी तथा संघ राज्य क्षेत्र वित्त वर्ष के लिए निर्धारित प्रारूप में अपने विशिष्ट प्रस्तावों के आधार पर 100% केन्द्रीय सहायता प्राप्त करेंगे।

 

योजना के कार्यान्वयन की निगरानी निम्नलिखित के माध्यम से की जाती है :-  

  • योजना का वास्तविक और वित्तीय निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत प्रोफार्मा निर्धारित किया गया है। 
  • राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के अधिकारियों का समय-समय पर दौरा। इसके दौरान, योजना पर विचार-विमर्श किया जाता है। 
  • राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के समाज कल्याण विभाग के मंत्रियों/सचिवों के सम्मेलन के दौरान और उस अधिकारिता प्राप्त समिति की बैठक के दौरान योजना पर विचार-विमर्श। 

 

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 तथा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के कार्यान्वयन के लिए वित्त वर्ष 2013-14, 2014-15 तथा 2015-16 के दौरान केन्द्र प्रायोजित स्कीम के तहत जारी केन्द्रीय सहायता का राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार विवरण  (लाख रुपए में):

क्रम सं. राज्य/संघ राज्य क्षेत्र 2013-14 2014-15 2015-16

1.

आंध्र प्रदेश

2013.103

425.19

405.00

2.

बिहार

427.575

415.995

950.00

3.

छत्तीसगढ़

199.345

246.38

100.00

4.

गोवा

10.50

11.00

7.00

5.

गुजरात

287.545

727.255

450.00

6.

हरियाणा

266.920

178.62

160.00

7.

हिमाचल प्रदेश

47.28

94.32

60.00

8.

झारखंड

85.50

140.877

50.00

9.

कर्नाटक

687.954

1730.535

495.00

10.

केरल

0

1359.943

494.12

11.

मध्य प्रदेश

1497.92

2183.155

2250.00

12.

महाराष्ट्र

2149.233

2049.805

1260.00

13.

ओडिशा

936.795

802.335

524.00

14.

पंजाब

-

-

 153.65

15.

राजस्थान

926.47

658.77

1775.00

16.

सिक्किम

-

-

10.00

17.

तमिलनाडु

1680.97

720.295

470.00

18.

तेलंगाना

-

1328.17

448.76

19.

त्रिपुरा

-

10.00

2.00

20.

उत्तर प्रदेश

1314.750

1197.54

1470.00

21.

उत्तराखंड

43.14

58.19

35.47

22.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

-

191.625

126.00

23.

चंडीगढ़

9.00

20.00

1.00

24.

दादरा और नागर हवेली

50.286

-

--

25.

दमन और दीव

5.37

9.35

10.00

26.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली

-

29.50

35.00

27.

पुडुचेरी

125.00

150.50

165.00

 

कुल

12764.656

14739.35

 11907.00

 

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 तथा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के कार्यान्वयन के लिए केन्द्र प्रायोजित स्कीम के तहत वित्त वर्ष 2013-14, 2014-15 तथा  2015-16  के दौरान राहत प्राप्त व्यक्तियों की संख्या का राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार विवरण  :

क्रम सं. राज्य/संघ राज्य क्षेत्र 2013-14 2014-15 अनुमानित

1.

आंध्र प्रदेश

4208

4208

5642

2.

बिहार

एनए

3202

2700

3.

छत्तीसगढ़

595

621

610

4.

गुजरात

1307

1383

1200

5.

हरियाणा

426

314

एनए

6.

हिमाचल प्रदेश

68

36

एनए

7.

झारखंड

एनए

70

100

8.

कर्नाटक

2277

1800

1500

9.

केरल

429

471

575

10.

मध्य प्रदेश

4062

4167

4100

11.

महाराष्ट्र

617

1118

3000

12.

ओडिशा

1665

1536

1800

13.

राजस्थान

1542

2530

2700

14.

तमिलनाडु

1530

1600

2046

15.

तेलंगाना

4676

74

1750

16.

त्रिपुरा

एनए

एनए

एनए

17.

उत्तर प्रदेश

10167

9594

13000

18.

उत्तराखंड

70

एनए

एनए

19.

पश्चिम बंगाल

23

33

NA

20.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली

-

6

39

 

कुल

33662

32763

40762

वर्ष 2013-14, 2014-15 तथा 2015-16 के दौरान अंतर-जातीय विवाह के लिए प्रोत्साहन प्रदत्त व्यक्तियों की राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार संख्या

क्रम सं. राज्य/संघ राज्य क्षेत्र 2013-14 2014-15 अनुमानित

2013-14

2014-15

2015-16

(अनुमानित)

1.

आंध्र प्रदेश

50,000/-

440

440

1072

2.

असम

10,000/-

एनए

एनए

एनए

3.

बिहार

25,000/-

एनए

एनए

एनए

4.

छत्तीसगढ़

50,000/-

90

80

160

5.

गुजरात

50,000/-

520

483

500

6.

गोवा

1,00,000/-

20

10

36

7.

हरियाणा

1,00,000/-

264

249

800

8.

हिमाचल प्रदेश

50,000/-

326

345

एनए

9.

कर्नाटक

50,000/-

NA

1555

1650

10.

केरल

50,000/-

2184

2131

1845

11.

मध्य प्रदेश

50,000/-

393

361

374

12.

महाराष्ट्र

50,000/-

4971

4283

3000

13.

ओडिशा

50,000/-

785

802

1000

14.

पंजाब

50,000/-

एनए

एनए

एनए

15.

राजस्थान

5,00,000/-

261

370

400

16.

सिक्किम

20,000/-

एनए

एनए

50

17.

तमिलनाडु

20,000/-

एनए

2292

एनए

18.

तेलंगाना

50,000/-

960

1188

1424

19.

उत्तर प्रदेश

50,000/-

एनए

एनए

एनए

20.

उत्तराखंड

10,000/-

एनए

एनए

एनए

21.

पश्चिम बंगाल

30,000/-

482

993

1000

22.

दिल्ली

50,000/-

एनए

6

10

23.

चंडीगढ़

50,000/-

एनए

23

20

24.

पुडुचेरी

50,000/-

63

एनए

एनए

 

कुल

-

11759

15611

13341

टिप्पणी :- एनए= उपलब्ध नहीं। 

 


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